औरत:-पंडित जी मेरी शादी को 5 साल हो गए, पर एक भी बच्चा नहीं हुआ।
पंडित:-मैं बद्रीनाथ में तुम्हारे नाम का दीया जला दूंगा, फिर भगवान की कृपा से बच्चा हो जाएगा।
~~~~10 साल बाद~~~~~
पंडित उस औरत के घर गए तो देखा कि घर में 10 बच्चे थे....
पंडित:-मुबारक हो !, बच्चों के पापा कहां हैं ?
औरत:-बद्रीनाथ गए हैं, दीया बुझाने...!!!
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दो महिलाओं का वार्तालाप देखिए.....
पहलीः और कल शाम कैसी रही?
दूसरीः अरे बेडागर्क, वो ऑफिस से आए,
फटाफट खाना खाया और सो गये बस।
तुम सुनाओ, तुम्हारी कैसी रही।
पहलीः अरे ऑसम, सो रोमाँटिक, वो ऑफिस से
आऐ, फिर हम एक बढिया रेस्टोरेँट मे डिनर पर
गये, फिर एक लाँग रोमाँटिक वॉक, घर पर आकर
फिर इन्होंने चारो तरफ कैंडल लगा दी।
क्या बताऊ कितना मदहोश माहौल बन गया।
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अब इन्ही महिलाओं के पतियों का वार्तालाप
देखिए....
पहलाः हां भई, कल शाम क्या रहा?
दूसराः अरे बेहतरीन, घर पहुँचा, शाँति से
खाना खाया और फिर आराम से सो गया,
नो चिक चिक झिक झिक, शानदार रहा सब। तू
सुना, तेरा क्या रहा?
पहलाः अरे अपनी तो लग गई यार, घर
पहुँचा तो देखा कि बिजली वाले कनेक्शन काट
गये क्योंकि मै घर की टेंशन में बिल पे करना भूल
गया, बीवी ने इसलिए खाना नही बनाया तो बाहर खाने जाना पडा,
वहां वो कमबख्त रेस्टोरेँट
इतना महँगा निकला कि जेब खाली हो गई और
ऑटो तक के पैसे ना बचे तो पैदल परेड
करनी पडी घर तक।
घर पर बिजली नही तो सारी रात मोमबत्ती जलाकर
बिना पंखे के रहे यार, मच्छर खा गये,
कुल मिलाकर ऐसी सत्यानाशी शाम ना देखी कभी।
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Pati Patni me kisi baat par jhagra ho gaya.
Pati us baat se naaraz hokar patni se baat nahi kar rahaa tha.
Patni – Ab mai 10 tak ginuungi … agar tum naa bole to … main zehar kha loongi !!
Patni – EK !!
*Pati Khamosh*
Patni – DO !!
*Pati, phir bhi chup*
Patni (pyar se) – “Bolo na please …!!”
*Pati, apni mundi ghumaa ke chup …*
Ab patni ka rona shuruu …
Pati : Pagli, Ginti gin … ginti !
Patni – Shukar hai ! aap bole to …
Nahi to mai to zehar khane wali thi !
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