Wednesday, September 9, 2015

learning msg

                


जीवन का संतुलन



                        सौ फीसदी सच


शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता है वो मजदूर, जो शहर में ऊंची इमारतें बनाता है....


👌अमीर की बेटी पार्लर में जितना दे आती है, उतने में गरीब की बेटी अपने ससुराल चली जाती है....

👌कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, गरीब वो था की मैं....

👌दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना ..क्यों कि 'नकाब' हो या 'नसीब' सरकता जरूर है''...

👌गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी
साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं

👌मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए....

👌जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..

👌बचपन भी कमाल का था
खेलते खेलते चाहे छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी...

👌हर नई चीज अच्छी होती है लेकिन दोस्त पुराने ही अच्छे होते हैं....

👌ए मुसीबत जरा सोच के आ मेरे करीब कहीं मेरी माँ की दुआ तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये....

👌खोए हुए हम खुद हैं, और ढूंढते भगवान को हैं...

👌अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि,माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये....

👌जिन्दगी तेरी भी, अजब परिभाषा है..सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है...

👌खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है...

👌हम तो पागल हैं शौक़-ए-शायरी के नाम पर ही दिल की बात कह जाते हैं और कई इन्सान गीता पर हाथ रख कर भी सच नहीं कह पाते है…



   जीते लकड़ी मरते लकड़ी, तू देख तमाशा लकड़ी का


जीते लकड़ी मरते लकड़ी, तू देख तमाशा लकड़ी का
 जब मात गर्भ से जन्म लिया तो पलंग बिछाया लकड़ी का
 जब बड़े भये खेलन चले तो गिल्ली-डंडा लकड़ी का
 जीते लकड़ी मरते लकड़ी, तू देख तमाशा लकड़ी का

जब गुरु गृह में पढ़ने चले तो कलम बने लकड़ी की
 जब ब्याह करन ससुराल चले तो मौहर बंधा लकड़ी का
 जीते लकड़ी मरते लकड़ी, तू देख तमाशा लकड़ी का

जब गृह पत्नी घर में आई तो काम पड़ा हैं लकड़ी का
 जब घूमन को मुंबई चले तो रेल का डिब्बा लकड़ी का
 जीते लकड़ी मरते लकड़ी, तू देख तमाशा लकड़ी का

जब बूढ़े हुए जो उठ न सके तो लिया सहारा लकड़ी का
 जब चार जने लेकर चले तो अर्थी बनाई लकड़ी की
 जीते लकड़ी मरते लकड़ी, तू देख तमाशा लकड़ी का

जब मर करके मरघट पहुचे तो चिता बनाई लकड़ी की
 नाती बेटों ने दाग दिया तो दीया सलाई लकड़ी की
 जीते लकड़ी मरते लकड़ी, तू देख तमाशा लकड़ी का

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For the Women of our country.

                  😊👍👏👏

An English Man: why do your Indian ladies not  shake hands? There's no harm..
Indian: Can an ordinary citizen in your country shake hands with  your Queen?
EnglishMan: "NO".
Indian: In our country each and every woman  is QUEEN...